बदलती उम्र के साथ मनोरंजन का स्वरुप भी बदलने लगता है | जवानी की मौजमस्ती, खेलकूद,
पॉप संगीत, जिम्नॅशिअ, साहसी प्रवास, विभिन्न लॅटिन नृत्य इस तरह के मनोरंजन मे रुची
कम होने लगती है | बढती उम्र मे बैठे खेल या टीव्ही देखना या गपशप लडाना यह मनोरंजन
बन जाता है | पहले जिन चीजों मे रुची नही थी उनमे भी अब रुची लगने लगती है| क्रिकेट
मैच, फुटबॉल, टेनिस मैच या टीव्ही प्रोग्रॅम देखते हुए घंटों निकल जाते है| महिलएं
ज्यादातर टीव्ही सीरिअल के पीछे पड जाती है | इस उम्र मे पढते पढते सोना यह मनोरंजन
का बढिया साधन होता है | इस उम्र मे आवश्यकताएं भी घटने लगती है इसलिए मनोरंजन के लिए
किसी तरह की शारीरिक हलचल करना भी अच्छा नही लगता |
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