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सुरक्षा
ज्येष्ठ नागरिकों के लिए आर्थिक, शारीरिक तथा मानसिक सुरक्षा की बडी ही आवश्यकता होती है | कई ज्येष्ठ नागरिक अकेले ही रहते है | कई बार परिवार मे रहने के बावजूद उनके मनमे अकेलेपन की भावना होती है | ऐसी परिस्थिती मे उनकी मानसिक तथा शारीरिक दुर्बलता के कारण उनके सुरक्षा की समस्या उत्पन्न होती है | ज्येष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हेतु उनके परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, सहयोगी, सरकारी यंत्रणा तथा वैद्यकीय यंत्रणा इन सबका दायित्व है कि वे इस दिशा मे प्रयत्न करें तथा ज्येष्ठ नागरिकों का जीवन संतोषजनक बनायें | आज भारत देश मे १२ करोड से अधिक ज्येष्ठ नागरिक है और दिन ब दिन यह संख्या बढती ही जायेगी | इसलिए समाज का यह दायित्व बनता है कि उन्होने तथा स्वयं ज्येष्ठ नागरिकों ने भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है तथा उसके लिए संभव प्रयत्न भी करने चाहिए |
बैंक का खाता :
आजकल ज्येष्ठ नागरिकों के बचत खाते, स्थायी खाते विभिन्न बैंकों मे हो सकते है | सुरक्षा के तौरपर कम से कम दो बैंकों मे खाता होना जरुरी है जिनमे एक बैंक सरकारी होना चाहिए | केवल आधा प्रतिशत या एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज पाने की लालसा मे किसी भी सहकारी बैंक या क्रेडिट सहकारी सोसायटी मे पैसा नही रखना चाहिए | अगर आप बैकों मे जो हस्ताक्षर करते हो उसमे बदलाव होता हो तो उसके विषय मे समय समय पर बैकों को सूचित करना चाहिए | कोई भी बैंक टेलिफोन के द्वारा या इ मेल के द्वारा आपसे अपना पासवर्ड या अन्य जानकारी नही पूछती है इसलिए इस तरह की जानकारी कभी किसी को नही देनी चाहिए | कोरे चेक पर हस्ताक्षर कर के रख देना भी हानिकारक है | अगर बहुत ही आवश्यकता हो जाये तो एक स्वतंत्र खाते मे आवश्यक धनराशी जमा करके उस खाते का मुख्तारपत्र देना चाहिए तथा किसी अन्य व्यक्ति को उसके द्वारा हस्ताक्षर करने का अधिकार देना चाहिए | अगर आपके खाते से पैसा निकल जाये तो उसे वापस पाना बहुत कठीन तथा समय व्यय करनेवाला काम होता है | साधारण रूप से दो खाते रखे जाय जिसमे एक खाता सब तरह के व्यवहारों के लिए प्रयोग करें तथा दूसरा खाता पहले खाते मे पैसा जमा करने के लिए प्रयोग करें | ऑनलाईन/फोन बैंकिंग का प्रयोग करते समय विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है | फोनपर संचित जानकारी की चोरी होने की संभावना होती है इसलिए अपना पासवर्ड बार बार बदलना चाहिए | जहांतक हो सके ओटीपी देनेवाली बैंक का चयन करना चाहिए |
डेबिट/क्रेडिट/एटीएम कार्ड :
आजके युग मे डेबिट/क्रेडिट/एटीएम कार्ड जैसे प्लास्टिक मुद्रा जीवन का एक अविभाज्य हिस्सा बन चुके है | जहांतक संभव हो ज्येष्ठ नागरिकों ने क्रेडिट कार्ड लेना टालना चाहिए | छोटी धनराशीवाले खातों के लिए डेबिट/एटीएम कार्ड का प्रयोग करना चाहिए | अगर बडी मात्रा मे खरीद करना हो या खर्च की राशी बडी हो तो अपने अन्य खाते से इस खाते मे आवश्यक धनराशी हस्तांतरित करनी चाहिए | कार्ड क्लोनिंग के द्वारा या कार्ड सर्वर के द्वारा आजकल चोरीयां बडी मात्रा मे हो रही है | ऐसे समय मे यदि आप छोटे खाते का कार्ड प्रयोग कर रहे हो तो आपका नुकसान बडी मात्रा मे नही होगा | कोई भी बैंक फोन के द्वारा या इ मेल के द्वारा आपसे कभी भी आपके खाते का पीन नंबर या सीव्ही नंबर नही मांगती है | यदि इस तरह की कोई मांग आपसे करता है तो उसे झूठा समझकर उसे नजरअंदाज कर देना चाहिए |
पॉन्झी योजना :
पॉन्झी योजना या भिशी जैसी योजना के मोह मे नही पडना चाहिए | इसमे किसी एक की गलती या असावधानी के कारण आका नुकसान हो सकता है |
एम एल एम योजना :
हर तरह की सच्ची या झूठी एम.एल.एम. योजना आपके पास चलते हुए आयेगी| कभी कभी इस तरह की योजनाएं आपके पास अपने दोस्त, रिश्तेदार या सहयोगीयों की ओरसे भी आती है | इस तरह की योजनाओं मे आपका समय बडी अच्छी तरही व्यतित होगा, आपको काफी पैसा भी मिलेगा और आपकी सराहना भी होगी | वैसे कहा जाये तो कोई भी एम.एल.एम. की योजना स्वआधारित नही होती | एक बार आपके सदस्य बननेपर आपको और भी सदस्य जोडने होते है | अगर यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो शायद आपको कुछ पैसा मिलने की संभावना होती है अन्यथा आपका पैसा जानेकी संभावना ही ज्यादा होती है | कुछ तरह की योजनाओं मे आपको उत्पादों को बडेही उंचे दामोंपर बेेचनेकी जबरदस्ती की जाती है | केवल इतना ही नही बल्कि साथ साथ यह अपेक्षा भी होती है कि लोगों के द्वारा भी उन वस्तुओ की उसी तरह उंचे दामों मे बेचा जाना चाहिए | यदि यह प्रक्रिया की जंजीर लगातार आगे बढती रही तो आपके पैसे मिल जायेंगे | लेकिन कई बार इस तरह की योजनाएं मूल रूप से ही गैरकानूनी होती है जिनके कारण आप अन्वेषण के चक्कर मे फंस सकते हो |
विरासत अधिकार योजना :
कई बार कहीं से आपको इस तरह के इ मेल भेजे जाते है कि किसी देश मे आपके लिए करोडों की संपत्ती उपलब्ध है जिसके लिए यदि आप तैयार हो तो आपको संपर्क करने का आवाहन किया जाता है | पहली नजर मे आपको ऐसा प्रतित होता है कि यह इ मेल किसी सरकारी कार्यालय की ओरसे या यू.एन.ओ. की ओरसे या किसी सॉलिसिटर फर्म की ओरसे आयी है | कई बार किसी व्यक्ति को अपना पैसा देश से बाहर ले जाने के लिए आपके सहायता की आवश्यकता होती है तो कई बार आपके व्यवसाय मे निवेश करने की उस व्यक्ति की इच्छा होती है | इन सभी मामलों मे एक समान बात यह होती है कि सामनेवाला व्यक्ति आपके लिए अनजान होता है जो आपको बहुत बडी मात्रामे धनराशी देने की बात करता है | यदि एक बार आपने इसका जबाब दे दिया तो आप उसके जालमे फंसने लगते है | कई बार भारत के भीतर ही कई लाख रुपयों का नुकसान झेलने की नौबत आती है तो कई बार विदेश मे बुलाकर शारीरिक रूप से आपपर आक्रमण होने की भी संभावना से इनकार नही किया जा सकता | इसलिए ऐसे मामलों मे कोई जबाब न देना सबसे उचित होगा | हो सके तो इस तरह की इ मेल साइबर क्राईम विभाग को फॉरवर्ड करना ठीक होगा |
सोशल मीडिया से सावधान :
फेसबुक, ट्विटर यह सोशन मीडिया के माध्यम है जिसका इस्तेमाल ज्येष्ठ नागरिक अपना समय काटने के लिए करते है | कई बार अपने बच्चों से संपर्क करने के लिए भी माध्यम के तौरपर इसका प्रयोग किया जाता है | कुछ लोगों को तो इसका ऐसा नशा चढ जाता है कि वे घंटों अपने कॉम्प्युटर पर व्यतित करते है | हाल ही मे वाशिंग्टन मे एक सर्वेक्षण किया गया जिसमे यह पाया कि अफवाओं को फैलाने का काम या उन्हे फारवर्ड करने का काम करनेवालों मे ९५% ज्येष्ठ नागरिक होते है | चाहे इस मे आपका समय अच्छी तरह व्यतित हो रहा होगा लेकिन किसी भी चीज की अधिकता हमेशा बुरी होती है | इसके कारण कई तरह के प्रश्न उपस्थित होते है | यह दावेसे नही कहा जा सकता कि फेसबुक के माध्यम से बननेवाले आपके मित्रों के उद्देश्य अच्छे ही होंगे | कई समाजकंटक वृद्ध लोगों के अकेलेपन का नाजायज फायदा लेते हुए इन साधनों का दुरुपयोग करते है | इसी के माध्यम से कई बार मित्रता या सहजीवन के ऑफर भी दिये जाते है, तरह तरह के प्रलोभन दिये जाते है तो कई बार दर्दभरी दास्ताने सुनाकर आपसे सहानुभूति बटोरने का भी प्रयत्न किया जाता है | धीरे धीरे फेसबुक का रूपांतर फोनपर गप्पे लडाने मे होने लगता है | इसके आगेका कदम होता है आपसे प्रत्यक्ष रूप से मिलाप करना | कई बार इस तरह के मेलमिलाप के कारण ज्येष्ठ नागरिक शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक स्तरोंपर घाटा भुगतते है | इस तरह कई लोगों के जिंदगी से उठ जाने के भी कई उदाहरण विद्यमान है | इस लिए इस प्रकार से सावधान होना आवश्यक है | ह्न फेसबुक का इस्तेमाल करते समय आपके निजी जिंदगी की कोई भी जानकारी साझा न करें |
● फेसबुक के लिए उपलब्ध विभिन्न सुरक्षा साधनों का उपयोग करें |
● अपनी तस्वीर को फेसबुक पर अपलोड करते समय सावधानी बरतना आवश्यक होता है | फोटो की कापी न हो इसकी यहां व्यवस्था होती है जिसका इस्तेमाल करना जरुरी है |
● अपने पासबुक को बारबार बदलना चाहिए |
● इस बात का ध्यान रहे कि अपने मित्रों की सूची गोपनीय रहे |
● टाईम लाईन पर लिखने की आजादी किसीको भी नही देनी चाहिए|
● आप इस बात को निर्धारित करें कि आपके द्वारा लिखी जानकारी कौन पढनेवाला है |
● अपने मित्रों का चयन करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है |
● किसी भी प्रलोभन का आप शिकार न बनें | किसी को भी मिलने के लिए न जायें, और जायें तो पूरी सावधानी बरतना चाहिए | यदि आपको जरा भी शक हो तो फेसबुक को शिकायत करें |
ऑनलाईन खरीद करना :
जबसे इंटरनेट ने हमारे जीवन मे प्रवेश किया है तबसे हम चाहे सो वस्तु का क्रय ऑनलाईन करना चाहते है | जब साईट विख्यात हो तो उसमे फंसने की संभावना कम होती है | लेकिन छोटी साईटपर यह संभावना बडी मात्रा मे होती है | महंगी इलेक्ट्रानिक वस्तुएं, कैमरे, घडी जैसी चीजें खरिदते समय पूरी तसल्ली करना आवश्यक होता है| उसका गारंटी क्लॉज ठीक से पढना चाहिए | यदि उत्पादनकर्ता की ओरसे गारंटी दी जाती है तो ही वह वस्तु खरिदें | साधारण तौरपर यह गारंटी १ वर्ष की होती है | कोई भी वस्तु खरिदने से पहले उसपर अन्य व्यक्तियोंकी ओर से लिखा अभिप्राय अवश्य देखना चाहिए | महंगी चीजें खरिदनेसे पूर्व उसके लौटानेके विषयमे जो भी नियम है उन्हे ठीक से देखना चाहिए| खानेकी चीजें खरिदते समय उनके नापतोल की ओर ध्यान देना जरुरी है | जैसे कि १ लिटर तेल १ किलो तेल की तुलना मे सस्ता होता है | कई बार १ किलो की कीमत २०० रुपये तो १०० ग्राम की कीमत १८ रुपये होती है | उसे ठीक से जांचकर ही खरीद करनी चाहिए | ज्यादातर साईट्स पर एक विशेष धनराशी से आगे फ्री डिलेव्हरी दी जाती है | यदि कम खरीद करना हो तो डिलेव्हरी चार्जेस कितने है यह भी देखना चाहिए | माल मिलनेपर उसे ऑर्डर के अनुसार जांचना चाहिए | ज्यादातर गलत माल या हल्के दर्जे का माल मिलने की संभावना होती है | ऐसे समय वह माल वापस भेजने का इंतजाम करना आवश्यक होता है | कोई भी माल खरीद करते समय विभिन्न वेबसाईट की कीमतें जांच लेनी चाहिए| स्टैन्डर्ड वस्तुओं के सेल मे बाय-१ गेट-१ हो कीमत को सोचकर उसका भी लाभ उठाना चाहिए |
दुर्घटना :
वृद्धावस्था मे शरीर के गात्र शिथिल हो जाने से तथा विभिन्न व्याधियों के कारण वृद्ध व्यक्ति के साथ घर के भीतर तथा घर से बाहर दुर्घटना घटित हो सकती है | घर के भीतर होनेवाली कुछ दुर्घटना निम्नलिखित तरह की होती है :
● पांव फिसलकर गिरना, खासकर बाथरूम के अंदर |
● पलंग से अचानक उठनेपर चक्कर सा आना |
● काफी समय तक बैठने के कारण उठते समय संतुलन ठीक से न होने के कारण व्यक्ति का गिर पडना |
● आंखों के सामना अंधेरा छा जाना |
● घर मे बिजली के उपकरणों का शॉक लगना |
● रसोई बनाते समय जलना |
● ब्लेड या छुरी के इस्तेमाल मे शरीरपर घाव होना |
● जिन व्यक्तियों को मधुमेह की शिकायत हो उनके लिए आवश्यक है कि वे हमेशा शरीरपर किसी तरह का कोई घाव न होने दे | इस तरह की दुर्घटना को टालने के लिए निम्न बातों का ध्यान जरुरी है |
● जहांतक हो सके घर के भीतर चपलें पहनकर ही घूमें |
● ब्लेड या छुरी का इस्तेमाल टाल दें |
● आवश्यकता के अनुसार सेफ्टी ब्लेड या अन्य वस्तुका प्रयोग करें |
● बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल करते समय लकडे का स्टूल या लकडे के पट्ट का उपयोग करें |
● जिस समय घर का फर्श या बाथरूम गीला हो तो दीवार का सहारा लेकर ही चलें |
● ओव्हन या गैस से बरतन उतारते समय हाथमोजे पहने |
घरसे बाहर होनेवाली दुघटनाएं :
● पायदान या फुटपाथ से पैस फिसलकर गिरना |
● पांव गढ्ढे मे पडना |
● संतुलन बिगडना खासकर कोई वाहन पास से गुजरनेपर संतुलन बिगडना|
● किसी वाहन का धक्का लगना (साईकिल का भी) |
● वाहन मे चढते हुए या वाहन से उतरते हुए गिरना |
● बस मे खडा रहना आवश्यक हो उस समय संतुलन बिगडना |
● भीड मे लोगों के धक्कों के कारण जखम होना |
● गली मे भटकनेवाले कुत्ते या गाय इनसे परेशानी होना |
● प्रदुषण के कारण खासकर सिग्नल के पास सांस रुकना |
● चढान के रास्तेपर सांस फूलना |
● याददास्त मे होनेवाले बिगाड के कारण इच्छित स्थल का रास्ता भूल जाना |
इस तरह की अनेकों दुघटना होने की संभावना होती है | दृष्टी की कमजोरी, शरीर की दुर्बलता तथा असहाय स्थिती के कारण इस तरह की दुर्घटनाओं मे बढोतरी होती है |
ज्येष्ठ नागरिकों के लिए आवश्यक है कि वे निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें :
● जहांतक संभव हो बाहर जाते समय अपने साथ किसी को रखें |
● बाहर जाते समय अपनी अपना नाम, घर का पता तथा फोन नंबर लिखकर वह परचा अपनी जेबमे रखे |
● एक परचे मे अपना ब्लड ग्रूप, एलर्जी की जानकारी, व्याधियां तथा अपने फैमिली डॉक्टर का नाम और उनका फोन नंबर लिखकर उसे अपनी जेब मे रखे |
● जहांतक संभव हो लाठी का सहारा लेने मे हिचकिचाहट न करें |
● किसी भी वाहन मे खडा न रहे |
● धूप, कडाके की ठंड तथा बरसात से बचने के लिए सिरपर आवश्यक टोपी या हैट होना आवश्यक है |
● यदि प्रदुषण के कारण परेशानी होती हो तो मास्क लगाकर ही बाहर निकलें |
● चलते समय जल्दबाजी न करते हुए आराम से चलें |
● जहांतक संभव हो चलने के लिए फुटपाथ का उपयोग करें और रास्ता पार करने के लिए झेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग करें या किसी तरह के संकोच के बिना सीधे तौरपर किसीकी सहायता प्राप्त करें|
चोरी :
मिलकर परिवार मे रहनेवाले ज्येष्ठ नागरिक या अकेले रहनेवाले ज्येष्ठ नागरिकों की वस्तुएं तथा पैसा उन्हे पता लगे बगैर चोरी किये जाते है | कई बार इस तरह की चोरीयां होनेपर यह वृद्ध किस तरह भुलक्कड या अदक्ष है यह उन्हे दिखाया जाता है | जहांतक संभव हो वृद्ध लोगोंने कीमती चीजें या अतिरिक्त धनराशी, के्रडिट या डेबिट कार्ड अपने पास नही रखना चाहिए बल्कि इन चीजों को सुरक्षित स्थानपर रखें या घरके अन्य व्यक्तियों के पास संभालकर रखने के लिए दे दें | बाहर जाते समय भी गिनी चुनी चीजें ही अपने पास रखे |
ठगखोरी :
वृद्ध व्यक्तिका भरोसा जीतना कई लोगों को आसान लगता है | एकबार भरोसा जीतनेपर उसका नाजायज फायदा उठाया जाता है | इस तरह पहचानवाला व्यक्ती पहले भरोसा जीतने के लिए बडी इमानदारीसे काम किया जाता है | उसके बाद ठगखोरी का सिलसिला शुरु होता है | इस मे घर की छोटी बडी चीजें या मौलिक चीजें चुराना, बनावटी दस्तखत की सहायता से बैंक से रुपया निकालना यह सारी बातें शुरु होती है | पुणे शहर मे एक डॉक्टर ने एक वृद्ध स्त्री का विश्वास ऐसे ही जीत लिया और उसके ६०-७० तोले के सोने के गहने चुरा लिये | यहांपर ही बात नही रुकी, आगे चलकर इस डॉक्टरने धीरे धीरे उस स्त्री को जहर देकर उसे जानसे ही मार दिया | हैरत की बात तो यह है कि यह सब करने से पूर्व उस डॉक्टर ने उस वृद्धा की संपत्ती अपने नाम लिखवा ली थी | इसलिए वृद्धों के लिए जरुरी है कि वे इस तरह के किसी पराये व्यक्ति पर विश्वास न करें | वे अपने घर मे कोई कीमती चीजें न रखें | बैंको के व्यवहार केवल चेक से करें |आजकल कई बैंक वृद्ध व्यक्तियों के लिए उनके प्रतिनिधी को उस व्यक्ति के घर भेजते है | इस तरह की सुविधा का लाभ उठायें | पुरुष नागरिकों को प्रेम का नाटक करके ठगनेवाली औरतें तथा औरतों को आधार देकर ठगनेवाले पुरुष भी बडी मात्रा मे देखे जाते है| किसी व्यक्ति की जानकारी बाहर से हासिल करके, उनके बच्चों के मित्र बनकर तथा किसी दूर के रिश्तेदार की पहचान बताकर इस तरह के लोग घर मे प्रवेश कर जाते है | इसलिए ज्येष्ठ नागरिकों ने इस तरह के लोगों से दूर ही रहना चाहिए |
शारीरिक सुरक्षा :
ठगखोरी का अगला कदम होता है शारीरिक सुरक्षा | इस शारीरिक असहायता का नाजायज फायदा लेकर कई बार वृद्धों को बेहोश कर दिया जाता है या कई बार जानसे मार भी दिया जाता है | जो वृद्ध अकेले रहते है उनके साथ यह सब बातें विशेष रूप से होती है | इसकी विशेषता यह है कि यह सब करनेवाले केवल अनजान लोग ही नही होते बल्कि घर के नौकर चाकर, हमेशा आनेजानेवाले लोग या कभी कभी करीबी रिश्तेदार भी होते है | इसलिए जहांतक संभव हो वृद्धों ने अकेले रहना टालना चाहिए | अगर वह संभव न हो तो अपनी सुरक्षा की संपूर्ण व्यवस्था करनी चाहिए | संभव हो तो सी सी टीव्ही का उपयोग करें | आजकल हर शहर मे पुलिस ने वृद्धों को सहायता के लिए विशेष नंबर दिया है (पुणे तथा मुंबई के लिए वह नंबर १९०६ है) | यदि किसी तरह का कोई खतरे की संभावना हो तो उस नंबर पर फोन करना चाहिए| इस तरह की घटनाएं ज्यादातर संपत्ती के कारण ही होती है | इसलिए अपनी संपत्ती का प्रदर्शन टालना चाहिए | अपने इच्छापत्र की चर्चा जाहिर रूप से नही करनी चाहिए |
विज्ञापनों के शिकार न बनें :
इस उमर मे पर्याप्त समय होता है | पास पैसा भी होता है | इंटरनेट के कारण सच्ची या झूठी जानकारी पर्याप्त मात्रा मे मिलती रहती है| यदि आप किसी ठगखोरी के विज्ञापन के कारण आपको अपना पैसा और अपनी सेहत दोनों का नुकसान उठाने की नौबत आ सकती है | इस तरह के विज्ञापनों की मिसाल है :
● असाध्य बीमारी के लिए शक्तिशाली दवाईयों के विज्ञापन दिये जाते है जैसे घुटनों का दर्द, कमर का दर्द, पीठ का दर्द आदि दर्दों से लेकर कैन्सर तक जालिम दवाईयों के विज्ञापन
● नपुंसकता के इलाज के विज्ञापन
● घर बैठे मित्र या सहेली पाने के लिए विज्ञापन
● घर बैठकर पैसा कमाने के विज्ञापन
● मांत्रिक, ज्योतिषी या रत्नों के विज्ञापन

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