विकेंड
पार्टी, अमिष सामिष भोजन, दोस्तों के साथ गुलछर्रे उडाना इस तरह की हमारे कार्यक्रम
यौवन के दौरान होते है | बढती उम्र के साथ इस कार्यक्रम का स्वरुप बदलने लगता है |
मित्रों का स्थान अगली पीढी के रिश्तेदार लेने लगते है | तिसरी पीढी के साथ हमारी पहचान
होने लगती है | काम की दौडधूप कम होनेसे विकेंड का कोई महत्व नही रह जाता जिसके कारण
विवाह समारोह मे हमारी उपस्थिती अनिवार्य हो जाती है | गपशप के विषय भी बदल जाते है
| शरीर की हलचल भी सीमित रूप से होने लगती है | समारोह मे आपके समुदाय भी अलग बनते
है | गपशप के विषयों मे रिश्ते-नाते, स्वास्थ्य, आजकल के बच्चे यह होते है |
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