यौवन के दौरान साप्ताहिक छुट्टी के दिनों मे अपने मित्रों के या सहेलियों के साथ सैर
के लिए जाते थे, नदी या समुंदर मे डूबते थे, कभी कभी पहाडियोंपर भी चढते थे | उस उम्र
मे शारीरिक बदवाव की अपेक्षा मानसिक बदलाव ज्यादा आवश्यक होता है | लेकिन बढती उम्र
के साथ साथ मनुष्य को शारीरिक तथा मानसिक दोनों रूप से आराम तथा विश्राम करने की आवश्यकता
होती है | किसी रिसॉर्ट मे जाकर रहना, अनाथालय मे रहना, नदीकिनारे जाकर मछलियां पकडना,
अकेले स्थानपर अकेले रहना इस तरह आराम के स्थान हम खोज सकते है | जवानी मे हम भीडमे
आराम खोजते है लेकिन बढती उम्र के साथ हमे सही रूप से आराम की आवश्यकता होती है |
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