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दुसरा विवाह
सबसे करीबी रिश्ता केवल पती-पत्नी का होता है | बची हुई जिंदगी के लिए इस रिश्तेकी तथा उसके कारण प्राप्त होनेवाले साहचर्य की बडी ही आवश्यकता होती है | इस बात को भी नजरअंदाज नही किया जा सकता कि कोई भी अपनी बीती हुई जिंदगी को भुला नही सकता | लेकिन अगर समझदारीसे काम लिया जाये तो ऐसे विवाह भी आनंददायी हो सकते है |
   
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