जैसे जैसे उम्र बढती है और व्यावसायिक काम कम होने लगते है वैसे दिमाग को मिलनेवाली
खुराक भी कम होने लगती है | इसके कारण विस्मरण, अल्झायमर या इसी तरह की बीमारियां पीछे
पड जाती है | ऐसे समय बुद्धी को गती देना आवश्यक हो जाता है | विभिन्न बौद्धिक खेलों
के कारण बुद्धी को गती तो मिलती ही है लेकिन मनोरंजन भी होता है और समय कैसे बीतता
है इसका पता भी नही चलता | इस तरह की नये नये अवसर हर समय उपलब्ध होते है | कुछ अवसर
ऑनलाईन उपलब्ध होते है |