केवल संपत्ती के विषय मे मुखतारपत्र करना ही पर्याप्त नही होता अपितु ऐसी कई परिस्थितीयां
होती है जब हमारे जीते-जी हमारी संपत्ती तथा हमारे स्वास्थ्य की स्थिती के लिए भी हमे
मुखतार पत्र करना आवश्यक होता है | अचानक उत्पन्न होनेवाली वैद्यकीय परिस्थिती के कारण
कई बार हम अपने काम करने मे असमर्थ हो जाते है | ऐसे समयपर हमारे पास संपत्ती होकर
भी वह हमारे किसी कामकी नही रहती | आपके इलाज के लिए होनेवाला खर्च तथा इलाज इसके विषय
मे अपने परिवार मे संभ्रम उत्पन्न होता है | क्या करें और क्या न करें यह कोई भी समझ
नही पाता या कुछ करने के लिए उचित साधनों का अभाव होता है | आपका क्या इलाज किया जाये
या क्या न किया जाये इस बारेमे भी उलझने होती है | इस उलझन भरी स्थिती के कारण आपको
तथा आपके परिवार को आर्थिक तथा मानसिक परेशानी का सामना करना पडता है | इसलिए इस तरह
का मुखत्यापत्र बहुत आवश्यक होता है उसमे यह लिखा जाता है कि किन परिस्थितीयों मे उसका
उपयोग किया जायेगा |
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